Friday, January 12, 2024

Registration Form for Bhutan Yaatra 2024



 

लेखक एवं पर्यटक मिलन शिविर भूटान

 

परिपत्र-03/2024/01


17वाँ लेखक मिलन शिविर एवं सम्मान समारोह

पर्वतीय राष्ट्र भूटान

(भारत-भूटान की साझा साहित्यिक-सांस्कृतिक यात्रा)

फुंटशोलिंग, पारो तथा थिम्फू

प्रस्तावित तिथि-- बुधवार, दिनांक 5 जून 2024 से सोमवार, दिनांक 10 जून 2024 तक

(पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी का दो सौ तीनवाँ आयोजन)


सम्मान -

"अंतरराष्ट्रीय मानस हिंदी सेवा सम्मान"

 


1.   परिचय

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग द्वारा विगत 35 वर्षों में 200 से अधिक क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से किया जा चुका है। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्वतीय राष्ट्र भूटान की राजधानी थिम्पू, पारो आदि विभिन्न दर्शनीय स्थलों की लेखकीय दृष्टिकोण से साहित्यिक यात्रा करने के साथ-साथ  हिंदी लेखक सम्मान समारोह, पर्यटक शिविर, कवि-गोष्ठी, हिंदी संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक समागम प्रतिभागियों के आर्थिक सहयोग से दिनांक 5 जून से 10 जून 2024 तक किया जा रहा है।

2.   इस साहित्यिक यात्रा का उद्देश्य

·         लेखकों को उनके योगदान के आधार पर सम्मानित करना।

·         साहित्य में प्रेम और सद्भावना के प्रसंग को उजागर करना।

·         पर्वतीय राष्ट्र भूटान-पर्यटन के माध्यम से लेखन के लिए मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन।

3.   सम्मान

इस यात्रा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को "अंतरराष्ट्रीय मानस हिंदी सेवा सम्मान" से विभूषित किया जाएगा। किसी भी प्रतिभागी को सम्मान के रूप में नकद राशि नहीं दी जाएगी। इस यात्रा में शामिल होने पर आपको सम्मानित किया जा सकेगा। सहयोग-राशि (अंशदान) प्राप्त होने के पश्चात कार्यक्रम स्थल, न्यू जलपाईगुड़ी या बागडोगरा पहुँचने के लिए मार्ग आदि की पूरी जानकारी मोबाइल या ई-मेल से प्रेषित की जाएगी। यदि आप इस अंतरराष्ट्रीय महत्व के शिविर में शामिल होने का मन बना चुके हैं तो निर्धारित तिथि से पूर्व अपना शिविर सहयोग राशि अवश्य भेज दीजिए ताकि समय पर आपको आमंत्रण पत्र मिले और आप अग्रिम आरक्षण करा सके।

  1. काव्य गोष्ठी तथा अन्य कार्यक्रम में शामिल होना

लेखक मिलन शिविर के दौरान काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस गोष्ठी में कवि स्वरचित कविताओं का पाठ करेंगे। कविता पाठ के इच्छुक कवि अपना नाम पहले से ही कवियों की सूची में दर्ज कराएँ। इस सत्र के लिए अपनी 2-3 कविताओं की एक-एक प्रति अग्रिम प्रेषित करें। कविता के पाठ के लिए सिर्फ 4 मिनट की अवधि दी जाएगी। देवनागरी लिपि में लिखित कविताओं को ही स्वीकृति प्रदान की जाएगी। पाठ के लिए अपनी प्रति (हार्ड कॉपी) साथ लाएं। मोबाइल आदि पर आश्रित न रहें। स्वीकृति के लिए अग्रिम पंजीयन पत्र पर निशान लगाएं। कविताएं मर्यादित हों तथा आपत्तिजनक न हो। यदि आप सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान गीत, संगीत, नृत्य आदि प्रस्तुत करना चाहते हैं तो इसका स्पष्ट उल्लेख पंजीयन पत्र में अवश्य करें।

5.   विचार संगोष्ठी (ये आलेख  में प्रकाशित किए जा सकते हैं)

लेखक मिलन शिविर के दौरान जो लेखक या प्रतिनिधि यदि अपना शोध पत्र पढ़ना चाहते हैं तो निम्न विषय पर अपना आलेख तैयार कर अग्रिम भेज सकते हैं। चयनित अग्रिम प्राप्त आलेखों को ही प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी ।

"हिंदी भाषा के प्रयोग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी" - इस विषय में हिंदी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार, और उनके उपयोग की बातचीत की जा सकती है।

अथवा, "हिंदी भाषा और संस्कृति का महत्त्व" - इसमें हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति के महत्त्व को बढ़ावा देने के तरीके और उनका प्रभाव पर चर्चा की जा सकती है।

अथवा, हिंदी भाषा साहित्य में कृत्रिम बुद्धि का प्रयोग ।

  1. प्रतिभागी

            इस समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के लेखकों/पर्यटकों को आमंत्रित किया जाएगा। निर्धारित तिथि के बाद भेजी गई राशि को स्वीकार करने का उत्तरदायित्व अकादमी का नहीं होगा। अतः आपसे निवेदन है कि आप अंतिम तिथि से पूर्व अपनी सहयोग राशि, प्रतिभागी-विवरण आदि प्रेषित कर दॆं।

7.   पर्यटन

भूटान के विविन्न दर्शनीय स्थलों का परिभ्रमण करने के लिए प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक का समय रहेगा। सायं 5 बजे के बाद विविध गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।

8.   शिविर सहयोग राशि (अंश दान)

शिविर सहयोग राशि (जिसमें 5 रात और 6 दिनों के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन, नाश्ता, पानी, 5 दिनों का पर्यटन आदि का व्यय शामिल है। प्रत्येक पंजीकृत लेखक प्रतिभागी को 24,525/- अग्रिम भेजना होगा। प्रत्येक प्रतिभागी 8,525/- (अप्रतिदेय/Non-refundable) बैंक-खाते में दिनांक 05-01-2024 से पूर्व जमा करेंगे। शेष 8,500/- (प्रतिदेय/समायोज्य/ Refundable/Adjustable)* 5.4.2024 तक तथा 7,500/- (प्रतिदेय/समायोज्य/Refundable/Adjustable)* दिनांक 5.5.2024 तक या इससे पूर्व पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी या डॉ अकेलाभाइ प्रोग्रोसिव फाउंडेशन के बैंक खाते में जमा करना अनिवार्य होगा या  फोनपे नम्बर- 9436117260 पर भी भेज सकते हैं। बैंक की रसीद उसी समय हमारे साथ साझा करें।

 

  1. आवासीय व्यवस्था

होटल के एक कमरे में 2 लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। यदि एक साथ तीन मित्र आ रहे हैं तो उनकी इच्छानुसार उन्हें एक कमरे में रखा जा सकता है। एक कमरे में अकेले रहने की अनुमति नहीं होगी । आयोजन समिति के किसी भी निर्णय में आपको किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए। किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय आयोजन समिति का होगा। आपके किसी निर्णय या सुझाव का हम स्वागत करते हैं परंतु मानने के लिए बाध्य नहीं होंगे। 

  1. इस परिपत्र को ध्यान से पढ़ने के बाद

अग्रिम शिविर सहयोग राशि (अंशदान) जमा करने वाले प्रतिभागियों को ही आमंत्रित किया जाएगा । शिविर सहयोग राशि के अभाव में आपका स्थान सुरक्षित नहीं करा पाएंगे। शिविर के दौरान किसी बाबत राशि स्वीकार नहीं की जाएगी। इस परिपत्र को भलीभाँति पढ़ने के बाद ही सहयोग राशि भिजवाएँ। हम यह मानकर चलते हैं कि आपने इसे भलीभाँति पढ़कर समझ लिया है।

चूँकि शिविर के आयोजन तिथि की सूचना काफी पहले दी जाती है और आपको सलाह दी जाती है कि परेशानी से बचने के लिए अग्रिम रूप से अपना आरक्षण न्यू जलपाईगुड़ी तक करा लें। यदि आप हवाई मार्ग से आते हैं तो अपना आरक्षण बागडोगरा तक कराएं। न्यू जलपाईगुड़ी और बागडोगरा से हमारी टीम आपको लेकर आएगी।

  1. मानदेय

लेखक मिलन शिविर में भाग लेने वाले किसी भी प्रतिनिधि को किसी प्रकार का मार्ग व्यय अथवा मानदेय देना संभव नहीं होगा। अतः सभी प्रतिभागियों को न्यू जलपाईगुड़ी या बोगडोगरा स्वयं के व्यय से उपस्थित रहना होगा। भूटान स्थित किसी भी दर्शनीय स्थल को देखने के लिए प्रवेश शुल्क आपको स्वयं वहन करना होगा।

  1. सहयोग एवं समर्थन

यह शिविर प्रतिभागियों के आर्थिक सहयोग से ही आयोजित किया जाता है। इस शिविर को सफल बनाने के लिए हम आपके आर्थिक सहयोग एवं समर्थन की आशा पूर्णतः करते हैं। यदि आप अकादमी को स्वेच्छा से आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं तो सहयोग राशि बैंक में जमा कर सकते हैं। आर्थिक सहयोगियों को अकादमी का संरक्षक सदस्य बनाने और उन्हें अकादमी शिखर सम्मान  से सम्मानित करने पर विचार कर सकते हैं।

13.            अंतिम निर्णय

संयोजक की सुविधा के लिए कार्यक्रम में परिवर्तन किया जा सकता है, जिसकी सूचना प्रतिभागियों को समयानुसार दी जाएगी। कार्यक्रम अथवा सम्मान संबंधी आयोजन समिति का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा। इस संबंध में यह अकादमी किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहती है। कोई शिकायत अथवा सुझाव होने पर आप लिखित रूप में दे सकते हैं।  किसी भी तरह का विवाद ईस्ट खासी हिल्स जिला न्यायालय में ही मान्य होगा।

  1. सहयात्री

आप ऐसे सहयात्री को साथ न लाएँ या न पंजीकरण कराएं, जिनकी रुचि भारतीय भाषा, साहित्य, पर्यटन आदि में बिल्कुल नहीं है। समारोह के दौरान कटु शब्दों का प्रयोग, राजनीतिक या धार्मिक विश्लेषण, किसी भी प्रतिभागी की मान-हानि करना, मद्यपान, धूम्रपान एवं मांसाहार निषेध है। जिनका पंजीकरण नहीं हुआ है, उन्हें कदापि साथ न लाएं और न पंजीकरण के लिए आग्रह करें।

अधिकांश पंजीकृत रचनाकारों से बातचीत करने पर पता चला है कि हर बार की तरह इस बार भी भूटान में आयोजित शिविर में सम्मिलित होने के लिए योग्य एवं सुशिक्षित विद्वानों ने अपना पंजीयन करवाया है। अकादमी दूसरी बार भारत से बाहर यह कार्यक्रम करवा रही है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने का पूरा उत्तरदायित्व आपके सहयोग और समर्थन पर ही निर्भर करता है। ***

आपके सहयोग और समर्थन की प्रतीक्षा में---

आपका हितैषी-

(डॉ. अकेलाभाइ)

Saturday, July 1, 2023

लेखक मिलन शिविर, जनकपुर में सम्मिलित होने वाले लेखकों की सूची

 

1.     सुश्री कमला सिंह 'ज़ीनत', दिल्ली

2.     डॉ. रश्मि शुक्ला, प्रयागराज

3.     डॉ. राकेश सक्सेना, एटा

4.     डॉ. सुनीता सक्सेना, एटा

5.     श्री मनोज कुमार पाल, शिलांग

6.     श्री अशोक श्रीवास्तव कुमुद’, प्रयागराज

7.     डॉ. रणजोध सिंह, नालागढ़, हिमाचल प्रदेश

8.     सुश्री अंजना छलोत्रे सवि, भोपाल

9.     डॉ. नीलिमा वर्मा, मुजफ्फरपुर

10.  श्री दीलिप कुमार, मुजफ्फरपुर

11.  डॉ. शील कौशिक, सिरसा, हरियाणा

12.  डॉ. मेजर शक्तिराज, सिरसा, हरियाणा

13.  श्री ब्रह्म दत्त शर्मा, जगाधरी, हरियाणा

14.  श्रीमती वंदना शर्मा, जगाधरी, हरियाणा

15.  डॉ. उषा लाल, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

16.  डॉ. बिनोद कुमार हँसौड़ा, दरभंगा, बिहार

17.  प्रो. सुरेश रामविलास महेश्वरी, जलगाँव, महाराष्ट्र

18.  डॉ. रमन रिद्दि, नोएडा, उ. प्र.

19.  डॉ. उषा श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर

20.  सुश्री संगीता सागर, मुजफ्फरपुर

21.  डॉ. मीना कुमारी परिहार, पटना

22.  श्री प्रभात कुमार, पटना

23.  डॉ. दविन्दर कौर, होशियारपुर, पंजाब

24.  डॉ. सूरत ठाकुर, कुलु, हिमाचल प्रदेश

25.  श्री अंशुमान खरे, लखनऊ, उ. प्र.

26.  डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय, बलिया

27.  डॉ. आदित्य कुमार अंशु, बलिया

28.  श्री फतेह चंद बेचैन, बलिया

29.  श्री रमा शंकर वर्मा मनहर, बलिया

30.  श्री पवन तिवारी, बलिया

31.  श्री गोवर्धन यादव, बलिया

32.  प्रो. विमला व्यास, प्रयागराज

33.  डॉ. शुभ कुमार वर्णवाल, मधुबनी

34.  प्रो. अश्विनीकुमार शुक्ल, बांदा, उ. प्र.

35.  श्रीमती रेखा शुक्ला, बांदा, उ. प्र.

36.  डॉ. गीता रामचंद्र दोडमणि, सोलापुर

37.  श्री रत्नचंद्र निर्झर, बिलासपुर, हिमाचल

38.  श्री प्रताप अरनोट, कुलु, हिमाचल प्रदेश

39.  श्री मदन गोपाल, गोरखपुर, उ. प्र.

40.  श्री अनिल कुमार मिश्र, उमरिया, म. प्र.

41.  श्री शंभू प्रसाद सोनी, उमरिया, म. प्र.

42.  श्री राकेश कुमार उरमलिया, उमरिया, म. प्र.

43.  श्री राम लखन सिंह चौहान, उमरिया, म. प्र.

44.  श्री शिवानंद पटेल, उमरिया, म. प्र.

45.  श्री विजय बागरी विजय, कटनी, म. प्र.

46.  डॉ. राजकुमार भारती, दरभंगा

47.  श्री सुभाष कुमार ठाकुर, कटनी

लेखक मिलन शिविर, जनकपुर, नेपाल


 

लेखक मिलन शिविर, जनकपुर, नेपाल

 


Tuesday, March 10, 2020

बिहार में मेरी रेल यात्रा का एक अनोखा अनुभव


बिहार में मेरी रेल यात्रा का एक अनोखा अनुभव

घूमता आईना....डा. अकेलाभाइ

कुछ बातें या सरकारी निर्णय को समझने में मुश्किल होता है। कुछ वर्षों पूर्व रेल का आरक्षण टिकट एक माह पूर्व मिलता था। उसके बाद तीन माह पूर्व फिर चार माह पूर्व फिर दो माह पूर्व और अब फिर 120 दिन पूर्व मिलने लगा है। बहुत कम ऐसे यात्री हैं जो 120 दिन पूर्व कहीं जाने की यात्रा तय कर लेते हैं। अब यह समझ में नहीं आता है कि यदि रेल विभाग 60 दिन या 30 दिन पहले आरक्षण देने लगे तो क्या  हानि होगी। 120 दिन पूर्व टिकट लेने के बाद अधिकांश यात्रियों को टिकट रद्द कराना पड़ता है। रद्द करने पर काफी पैसा कट कर मिलता है। इसलिए अधिकांश यात्रि तत्काल टिकट लेते हैं और अधिक किराया देते हैं। इससे रेल विभाग को अच्छी आय होती है। रेल में सुविधाएं हो या न हों परंतु टिकट रद्द करने तथा तत्काल टिकट कराने से रेल विभाग की आय में काफी वृद्धि हो गयी है। पहले यह सब नहीं था। यदि एक महीना पहले से आरक्षण लेने का नियम बन जाये तो यात्रियों को काफी लाभ मिल सकता है और वे बिना वजह टिकट रद्द कराने से बच जाएंगे। नेट, मोबाइल आदि की सुविधा के जमाने में 120 दिन पहले आरक्षण कराने की बात मेरे समझ में नहीं आती है। उस बार मैं भी 120 दिन पहले आरक्षण नहीं करा पाया था क्योंकि इतने दिन पहले यात्रा करने का कार्यक्रम ही नहीं बना पाया था। जब यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित हुआ तो पता चला कि ए. सी. में एक भी सीट खाली नहीं है। और स्लीपर में 2 सीट खाली है। टिकट ले लिया और यात्रा शुरू हुई। कटिहार तक सब कुछ ठीक ठाक रहा । बरौनी से आगे बढ़ने पर स्लीपर कोच में लोकल और पासधारी यात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी। एक सीट पर छः-सात लोग धकिया कर बैठने लगे। कोच नम्बर 4 के एक आरक्षण टिकट रखने वाले यात्रि ने एक युवक को बैठने नहीं दिया, क्योंकि पहले से ही उसके बर्थ पर चार लोग बैठे थे। उसके साथ महिला यात्री थीं और एक बच्चा भी था। फिर क्या था उस युवक ने पहले उँगली दिखाई, फिर हाथ ऊपर किया। जवाब में उस यात्री ने भी हाथ उठाया। भगवानपुर नामक स्टेशन पर जब गाड़ी रुकी तो स्थानीय यात्री ने अपने जान पहचान के 10-12 यात्रियों को बुला लाया और उस आरक्षित यात्री को मारने लगे। बस इतनी सी बात के लिए मामला तूल पकड़ लिया। गाड़ी को एक घण्टे तक रोक कर रखा। फिर गाड़ी खुली।  कोच 4 के सारे यात्री डर से उतर गये और कोच 3 और 5 में बैठ गये। 4 नम्बर कोच खाली होगया लेकिन वह यात्री उसी कोच में बैठा रहा। गाड़ी खुली, स्टेशन के कुछ दूर चलने के बाद स्थानीय यात्रियों ने जंजीर खींचकर गाड़ी को रोकवा दिया और उस यात्रि को नीचे उतारने लगे। उसे बचाने वाला कोई आगे नहीं आ रहा था और सभी लोग उस यात्री को ही दोषी ठहरा रहे थे। भीड़ काफी जमा हो गयी पास के गाँव के लोग भी बाँस और लाठी लेकर आगये अपने लोगों के बचाने के लिए। गोरखपुर जाने वाला वह यात्री असहाय था। मारो...उतारो...की आवाजें आ रही थी। गाड़ी काफी देऱ तक बीच पटरी पर रुकी रही। फिर पहले स्टेशन से कुछ रेल कर्मचारी आये। युवकों को समझाया । गाड़ी चली। और अलगे स्टेशन पर तीन घण्टे देरी से पहुँची। सुनने में आया कि इस तरह की घटनाएं प्रतिदिन हुआ करती है। स्लीपर कोच ही नहीं स्थानीय यात्रि जो बिना टिकट के होते हैं या पासधारी होते हैं वे ए.सी. कोच में भी घुसकर बैठ जाते हैं और दूसरे राज्यों से सफर कर रहे यात्रियों को तंग करते हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि बिहार में जितनी दूरी तक गाड़ियाँ चलती हैं उतनी दूरी तक कोई टीटीई आता ही नहीं है यदि आता भी है तो सभी यात्रियों का टिकट चेक नहीं करता है। दूसरी विशेष और उल्लेखनीय बात यह है कि लगभग सभी गाड़ियाँ बिहार राज्य में घूसने के बाद देर हो जाती हैं।
कुछ दशक पूर्व रेल में टिकट चेकिंग खूब हुआ करती थी जिसके कारण यात्रियों को भय होता था। आरक्षित डिब्बे में कोई भी यात्री साधारण टिकट लेकर नहीं बैठता था और साधारण डिब्बे के यात्री भी सभी टिकट लेते थे। आज कई स्टेशन ऐसे जहाँ पर एक भी टिकट की बिक्री नहीं होती है। जबकि चढ़ने वाले भी होते हैं और उतरने वाले भी। बातचीत करने पर एक दैनिक यात्री ने कहा कि एक टीटीई पूरे ट्रेन की चेकिंग कैसे कर सकता है। इसलिए यात्री इसका गलत फायदा उठाते हैं और रेलवे को घाटा होता है। अभी प्लेटफार्म टिकट 10 रुपये का मिल रहा और सबसे कम का टिकट भी 10 रुपये का ही है। यदि ईमानदारी से यात्री चलें तो इस विभाग को कभी नुकसान न उठाना पड़े। इंटरनेट आरक्षण के कारण टिकट खिड़की पर काफी भीड़ कम हो गयी है, बहुत आसानी से आजकल टिकट मिल जाता है लेकिन ट्रेन में खाली जगह हो तब न टिकट मिले। तत्काल टिकट तो 2 मिनट के बाद ही खतम हो जाता है और आरक्षण टिकट 119 दिन पहले ही वेटिंग लिस्ट अधिकांश गाड़ियों में दीखने लगता है। गाड़ियों की संख्या में में काफी वृद्धि हुई है लोकिन इसी अनुपात में यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। सुविधाएं बढ़ी हैं तो समस्याएँ भी अधिक हुई है। समस्याओं का अंत तो कभी नहीं हो सकता लेकिन कमी अवश्य किया जा सकता है। रेल यात्रियों की बढ़ती समस्याओं पर अंकुश तो लगाया जा सकता है।  
सीवान स्टेशन पहुँचा। आज तो यह स्टेशन खूब चमक रहा था। सारे अधिकारी और कर्मचारी साफ-सुथरे लिबास में दीख रहे थे। कोट और टाई में खूब आकर्षक लग रहे थे। सफाई कर्मचारी हर 10-15 मिनट के बाद  झाड़ू और पोछा लगा रहे थे। प्रताक्षीलय तो खूब चमक रहा था। महिला प्रतीक्षालय में पर्दे लगे थे। स्प्रे भी बार-बार छिड़का जा रहा था। मुझे कुछ समझ नहीं आया कि आज इस स्टेशन के सभी कर्मचारी इतने सतर्क कैसे दीख रहे हैं। शौचालय में बाल्टी, मग, साबुन सभी कुछ सलीके से रखा हुआ था। इससे पहले एक बार इसी सीवान स्टेशन पर आया था तो कुछ भी ऐसा नहीं दीखा था। शौचालय के दीवारों पर यहां के अभद्र यात्रियों ने गंदी-गंदी गालियाँ लिखी थी। जिसे मिटाने का प्रयास भी किया था परंतु उस समय तक दिखाई तो दे ही रहा था। एक समुदाय ने दूसरे समुदाय के लिए तो दूसरे समुदाय ने पहले समुदाय के लिए अश्लील शब्दों का प्रयोग किया था।  मुझसे रहा नहीं गया और एक अधिकारी से पूछ लिया तो पता चला कि डीआरएम साहब आने वाले हैं। मुझे भी इतने बड़े अधिकारी से मिलने का मन किया। पर एक घण्टा हो गया अधिकारी महोदय नहीं पहुंच पाये। सभी कर्मचारी एवं अधिकारी बार-बार अपनी घड़ी निहार रहे थे। और लंच के लिए भी नहीं जा रहे थे कि पता नहीं कब साबह स स्टेशन पर पहुंच जाएं। तभी एक डिब्बे वाला इंजन आता दिखाई दिया। सीढ़ी के पास वह इंजन रुका और साहब के साथ कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी नीचे उतरे। सब किसी के हाथ में एक-एक डायरी थी। किसी-किसी के हाथ में नोट पैड था। साबह अच्छे सूट में बड़ी तन्मयता से चल रहे थे और सब जगह का मुआयना कर रहे थे। साहब से मैंने मिलने की अनुमति यहाँ के स्टेशन मास्टर से माँगी तो उन्होंने मना कर दिया। परंतु मैं भी इस काफिला में शामिल होकर वहाँ की गततिविधियों को देखने लगा। पता नही क्यों महिला प्रतिक्षालय में दो बार मुआयना हुआ। जहां पर सिर्फ एक ही महिला यात्री नकाब पहने बैठी थी। शायद इस प्रतीक्षालय को और बेहतर बनाने के लिए डीआरएम साहब हिदायत दे रहे थे।  लगभग आधे घण्टे के बाद मैं देख रहा हूँ कि प्रतिक्षालय के पर्दे खुलने लगे और बाकी सब सजावट की चीजें भी हटा ली गयी क्योंकि साहब अब सीवान स्टेशन से प्रस्थान कर चुके थे। आज मैं सोच रहा हूँ कि यह सारी सुविधाएं रेल यात्रियों के लिए हैं या रेलवे अधिकारियों को दिखाने के लिए...........

--सचिव, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी
पो. रिन्जा, शिलांग (मेघालय)
मोबाइल- 09436117260

नाटक का मंच 2020


प्रविष्टियाँ आमंत्रित 2020


शिलांग में आयोजित लेखक मिलन एवं पर्यटक शिविर में शामिल होने वाले मित्रों सूची---*


*शिलांग में आयोजित लेखक मिलन एवं पर्यटक शिविर में शामिल होने वाले मित्रों सूची---*
*आमंत्रित अतिथि*
1.   श्री पी. पी. श्रीवास्तव, आईपीएस, नई दिल्ली/101
2.   श्री ए. के. माथुर, आईपीएस, नई दिल्ली/102
3.   डा. क्षीरदा कुमा शईकीया, मंत्रि, असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, असम/103
4.   श्री अवतार सिंह शाही, उप महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल, शिलांग/104
5.   श्री बिमल बजाज, सामाजिक कार्यकर्ता, शिलांग/105
6.   श्री शंकरलाल जी गोयनका, फिल्म निर्माता, गुवाहाटी/106
7.   श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता, शिलांग/107
8.   श्री कुंज बिहारी अजमेरा, संरक्षक, शिलांग/108
9.   श्री सत्यनारायण बेरीवाल, समाज सेवी, लाबान, शिलांग/109
10.             श्रीमती आशा पुरकायस्थ, शिलांग/109
11.            डा. मंजु लामा, शिलांग/110
12.            डा. अरुणा उपाध्याय, शिलांग/111
13.            श्री आलोक सिंह, नेहू, शिलांग/112
14.            श्री विवेकानंद पंडित, शिलांग/113
15.            श्री योगेश दुबे, पत्रकार, सिलचर/114
16.            श्री अजयेन्द्रनाथ त्रिपाठी, मुख्य प्रबंधक, राजभाषा विभाग, गुवाहाटी/115
17.            श्रीमती ममता साहा. शिलांग/116
18.            कुमारी प्रियंका राज सिंह, शालंग/117
19.            श्री राजू शर्मा, पत्रकार, शिलांग/118
20.            श्री पी.डी. चोखानी, संरक्षक, शिलांग/119
21.            श्री किशन टिबरीवाला, संरक्षक, शिलांग/120
22.            श्री रामावतार बजाज, संरक्षक, शिलांग/121
23.            श्री जानमोहम्मद, गोपालगंज, बिहार/122
24.            श्रीमती बबीता जैन, शिलांग/123
25.            श्री मोहन कुमार राय, डीजीएम, स्टार सिमेंट, शिलांग/124
26.            श्री सुनील कुमार, नेहू, शिलांग/125
*वाह्य आमंत्रित रचनाकार -----*
27. डा. शैल केजड़ीवाल, मुजफ्फरपुर, बिहार/01
28. श्री सौरभ वाचस्पति रेणु, मोहाली, पंजाब/02
29. प्रो. पुष्पा गुप्ता, मुजफ्फरपुर, बिहार/03
30. श्री रघुनाथ प्रसाद, मुजफ्फरपुर, बिहार/04
31. डा बिरेन्द्र कुमार दत्ता, दरभंगा, बिहार/05
32. डा मीना कुमारी परिहार, पटना, बिहार/06
33. श्री प्रभात कुमार, पटना, बिहार/07
34. डा. नीलिमा वर्मा, मुजफ्फरपुर, बिहार/08
35. सुश्री सरस्वती कुमारी, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश/09
36. सुश्री ममता शर्मा अंचल, अलवर, राजस्थान/10
37. डॉ. आरती कुमारी, मुज़फ्फ़रपुर, बिहार/11
38. कुमारी आस्था दीपाली, नई दिल्ली/12
39. श्री कुमार गौरव, मुजफ्फरपुर, बिहार/13
40. डा. रचना निगम, संपादक नारी अस्मिता, बडोडरा, गुजरात/14
41. श्रीमती तूलिका श्री, बडोडरा, गुजरात/15
42. श्रीमती नीलम नारंग, हिसार, हरियाणा/16
43. श्री दिलशेर दिल, दतिया, म. प्र./17
44. श्री विनय कुमार, न्यू बंगाईगाँव, असम/18
45. श्रीमती रितु कुमारी गुप्ता, न्यू बंगाईगाँव, असम/19
46. श्री संजय एस. बर्वे, नागपुर, महाराष्ट्र/20
47. डा. बालकृष्ण महाजन, नागपुर, महाराष्ट्र/21
48. श्री बिनोद कुमार हँसौड़ा, दरभंगा, बिहार/22
49. श्रीमती संपत देवी मुरारका, हैदराबाद, तेलंगाना/23
50. श्री राजेश मुरारका, हैदराबाद, तेलंगाना/24
51. कुमारी अंकिता सिंहा, जमशेदपुर, झारखण्ड/25
52. श्री अनिल देवनारायण चतुर्वेदी, मुंबई, महाराष्ट्र/26
53. श्री समराज चौहान, कार्बी आंग्लांग, असम/27
54. डा. शालिनी शुक्ला, गोण्डा, उत्तर प्रदेश/28
55. डा ब्रजलता शर्मा, नोएडा, उ. प्र./29
56. श्री रमेश चन्द्र शर्मा, नोएडा, उ. प्र./30
57. श्री शांति कुमार स्याल, नोएडा/31
58. श्री परमहंस तिवारी, वाराणसी, उ. प्र./32
59. श्रीमती रेखा तिवारी, वाराणसी, उ. प्र./33
60. डा. प्रदीप सुमनाक्षर, दिल्ली/34
61. श्री लाजपत राय गर्ग, पंचकूला, हरियाणा/35
62. श्री ज्ञानप्रकाश पीयूष, सिरसा, हरियाणा/36
63. श्रीमती ज्योत्स्ना प्रवाह, वाराणसी, उ. प्र./37
64. सुश्री खुश्बू सिंह, वाराणसी, उ. प्र./38
65. श्री मनोज मोदी, तिनसुकिया, असम/39
66. डा. रघुनाथ पाण्डेय, गोण्डा, उ. प्र./40
67. श्री दिनेश चन्द्र प्रसाद दीनेश, कोलकता, प. बं./41
68. श्री सीताराम, कोलकता, प. बं./42
69. श्री ब्रजकिशोर पाण्डेय, कोलकता, प. बं./43
70. श्री सपन नस्कर, कोलकता, प. बं./44
71. श्री दिनेश कुमार त्रिपाठी, भीलवाड़ा, राजस्थान/45
72. श्रीमती सावित्री शर्मा, भीलवाड़ा, राजस्थान/46
73. श्री शानु सौरभ दाधीच, भीलवाड़ा, राजस्थान/47
74. श्रीमती पूनम ओझा, भीलवाड़ा, राजस्थान/48
75. श्री अजय शर्मा, चेन्नई/49
76. श्रीमती हिना दाधीच. चेन्नई/50
77.  श्री राघवेन्द्र दुबे, इन्दौर, म. प्र./51
78. श्रीमती ज्योति दुबे, इन्दौर, म. प्र./52
79. श्रीमती संतोष गर्ग, चण्डीगढ़/53
80. डॉ. अंबुजा एन्. मलखेडकर, कर्नाटक/54
81. डा रामधीरज शुक्ला, प्रयागराज, उ. प्र./55
82. डा. दिलीप कुमार अवस्थी, प्रयागराज, उ. प्र./56
83. श्री ऐनुल बरौलवी, गोपालगंज, बिहार/57
84. मो. नसीम अख्तर, पटना/58
85. डा. पूनम गुप्त, पटियाला, पंजाब/59
86. कुमारी स्मृति, पटना, बिहार/60
87. सुश्री अनिला विनर्वे, पटना, बिहार/61
88. श्री दिलीप कुमार, मुजफ्फरपुर, बिहार/62
89. डा. किंग गुनु घर्ती, आईजॉल, मिजोरम/63
90. श्री जय प्रकाश मिश्र, पश्चिमी मुंबई/64
91. श्री विजय कुमार, अंबाला छावनी, हरियाणा/65
92. सुश्री उर्मि कृष्ण, संपादक शुभ तारिका, अंबाला छावनी/66
93. श्री पंकज शर्मा, अंबाला शहर, हरियाणा/67
94. श्री देवचंद मस्ताना, पिंजौर, पंचकूला/68
95. श्रीमती कमलेश चौधरी, बाबैन, कुरुक्षेत्र, हरियाणा/69
96. श्री कुलदीप सिंह, कुरुक्षेत्र, हरियाणा/70
97. डॉ. विजय प्रताप श्रीवास्तव, देवरिया, उ. प्र./71
98. डॉ. सुनील कुमार, प्रयागराज, उ. प्र./72
99. श्री मदन मोहन शंखधर, प्रयागराज, उ. प्र./73
100.          श्रीमती रंजना कृष्णदेव दुबे, मुंबई/74
101.          श्रीमती उषा श्रीवास्तव, मुज़फ्फ़रपुर/75
102.          श्रीमती सुवर्णा अशोक जाधव, मुंबई/76
103.          श्री अशोक जाधव, मुंबई/77
104.              श्रीमती स्वाति चौहान, कोटा, राजस्थान/78
105.              सुश्री आराध्या चौहान, कोटा, राजस्थान/79
106.              श्रीमती अनिता भाणावत जैन, उदयपुर/80
107.              श्री विजय भाणावत जैन, उदयपुर/81